Thursday, October 11, 2012

बिजली कंपनियों की कैग से जांच की मांग ने जोर पकड़ा

 Dainik Jagran Hindi News

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी से परेशान दिल्ली वालों का कहना है कि यदि निजी बिजली कंपनियों के खातों की जांच भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से कराई जाए तो उन्हें बढ़ी बिजली दरों से मुक्ति मिल जाएगी। इसके लिए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम एक ऑनलाइन याचिका शुरू की है, जिसमें अब तक 100 से अधिक आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि हस्ताक्षर कर चुके हैं। 

यह मुहिम शुरू की है कि पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट ने। फ्रंट के बीएस वोहरा का कहना है कि इस मुहिम को बहुत समर्थन मिला है, क्योंकि कंपनियां दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) के समक्ष बार-बार गलत खाते पेश करके जनता को परेशान कर रही हैं। 

यूनाइटेड रेजिडेंट ज्वाइंट एक्शन (ऊर्जा) के सदस्य एसके माहेश्वरी ने कहा कि दिल्ली सरकार बिजली कंपनियों के खातों की जांच कैग से कराने की सिफारिश करे, तब ही लोगों की परेशानी कम होगी। दिल्ली सरकार के मंत्रीमंडल ने पिछले साल दिसंबर में बीएसईएस को 500 करोड़ रुपये का बेलआउट पैकेज देने पर सहमति जताई थी, साथ ही जब से बिजली निजी हाथों में गई है, तब से अब तक कंपनियों के अकाउंट की सीएजी से ऑडिट कराने का भी फैसला लिया था। बेलआउट तो दे दिया गया लेकिन ऑडिट अभी तक नहीं किया गया। 

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